मंजिले मक़ाम मंजिले मक़ाम हासिल की पूछते हैं
वो रास्ते पे राही की उम्र पूछते हैं
के फुजूल हैं मक़ाम का मिलना
फुजूल मुकम्मल जहाँ का मिलना
जो भटके रहे तो कुछ तो खोज लेंगे
... एक राह से दूसरा ढूढ़ लेंगे...
मुकम्मल जहाँ गर खुदा करे मुनासिब
इन्सां न जान पाए अपना रकीब |