अली बाबा के चालीस चोर ! यह कैसा शोर है …जो पुरजोर है …
तारे कर रहे टिम टिम …..
अली बाबा के चालीस चोर कहैं …
...
खुल जा सिम सिम … खुल जा सिम सिम ..
तीतर भी घबराया ...
चीतल को बुलाया ..
घटा घन घोर है ..
अपना न कोई छोर है ..
यह चालीस चोर गर ..डालेंगे बसेरा
तोह हम न देख पायेंगे सवेरा ..
जल्दी खबर पहुंचायें
मकड़ी रानी को भी जगायें
चींटी का पहरा न रह पायेगा अकेला ..
उल्लू को बोलो न बैठा रह निठल्लू ..
गुफा गयी हाथ से तो कर दिए जायेंगे दफा ...
चकोर भी सहमा ..चोरों का तो बड़ा है खेमा ...
जल्दी करूँ जुगाड़ नहीं तो होना है बिगाड़
तारों को कहा टिम टिम करो जरा धिम धिम ...
अली बाबा के चालीस चोर कहैं ... खुल जा सिम सिम ... |