पसंद हो आप तो किस ओर जाईये चाँद सा साथ तैरते खाब
फिर इस कदर शोर क्यूँ मचाईये
पसंद हो आप तो किस ओर जाईये
सादगी समेत फेरते हिजाब
फिर इस कदर डोर क्यूँ बांधिए
पसंद हो आप तो किस ओर जाईये
कागज़ी चमन पे स्याह से बादल
फिर इस कदर मोर को लजायिये
पसंद हो आप तो किस ओर जाईये
कीमती सामान हीरे सी जान
फिर इस कदर चोर को सतायिये
पसंद हो आप तो किस ओर जाईये
भरम हो चला तो बहस क्यूँ भला
फिर इस कदर जोर क्यूँ लगाईये
पसंद हो आप तो किस ओर जाईये
यूँ घूर घूर घूस दी बहोत
फिर इस कदर करोर क्यूँ बचाईये
पसंद हो आप तो किस ओर जाईये
वो चाँद बढ़ चला चाँदनी शबनमी
फिर इस कदर भोर क्यूँ बुलाईये
पसंद हो आप तो किस ओर जाईये
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