हाफिज़! Hafez Translation...Thanks Maryam its a delight to do this..Ghazal No. 171
. :)
यूँ तो शर्माती रिझाती रोशन निगाहें हैं कई
पर वश में करती हैं बस कोई कोई
... यूँ तो देखे हैं हमने कारीगर और फनकार कई
पर सिकंदर के शीशे सा सानी बस कोई कोई
यूँ तो सेहरे ताज लिए खड़े कई
पर सेहरे फ़र्ज़ निभाता बस कोई कोई
ऐ हाफिज़ बिन सोचे अदब निभा
फाखिर हिसाब आएगा इक फकीर ने कहा है !
|