इक खूसट पेड़ ..नीचे दरजी दिलेर ! इक खूसट पेड़
नीचे दरजी दिलेर
उसकी सीट पे बैठी कच्ची बच्ची
उसके हाथ में दिखी जो कैंची
लगा उसे कोई सुराग मिला..
... खिला खिला वो मुखड़ा हसीं
देखे जाती जाने क्या फंसी
ऊँघे पडा शेरू आलसी
खर्राटों के देता उबासी
घास में कुछ लगा था ख़ास
कुतर कुतर उसने काटे पांच
दिखी जो उसकी मस्त चाल
उसे लगा वाह ! नया था हथियार
अब तो थी बड़ों की बारी
कोई आये तो पास
उसको नहीं देंगे चांस
फांस इसी कैंची की धार
बस कर देंगे आर पार |