गिल्लू गिलहरी की कचेहरी ! भरी दोपहरी
लगी कचेहरी
गिल्लू गिलहरी की कचेहरी
बिल्ली मौसी भी हैं आयी
चौक्कने चौबे कबूतर पौने
... भानु बन्दर भी कूदा आया
भौं भौं करता शेरू भी उछला
हाथी साथी संग भी आया
शेर सवा टके पे अटका
लेकिन फिर भी आगे जा खड़ा
कौन था मुजरिम?
खुसुर पुसुर में भीड़ थी गुम
क्या होगा राग क्या होगी धुन
चसमिश कौवा खड़ा तैयार..
कौन था अगला सजा का हकदार ...
सिपहसलार भालू तैयार
टिड्डे संग लाया ख़बरदार
गिल्लू बोलीं बोलो जुर्म खोलो कापी
फिर होगी सुनवाई सभी की
चसमिश ने निकाला पुर्जा
थोडा सा काव कर बोला
एक था Rabbit नाम था Habit
खाता था गाजर और टमाटर
उसका एक दोस्त था कछुआ
नाम था उसका भोला मछुआ
दोनों को जाने क्या सूझी
दौड़ लगाने की बूझी
जाना था जंगल पार
नीली नदी जहाँ थी देवी दो
सुबह सवेरे दोनों चले
कुछ दूरी कुछ बात चीत
फिर एक चौराहे Rabbit ने बढ़ायी Speed
उछला कूदा तुरत फुरत आँखों से ओझल हुआ
उधर भोला अपनी चाल समेटे रहा राह पे डटे
अभी नहीं थे दस बजे लेकिन Rabbit G जा पहुंचे
दिल में सुकून था Race तो जीता था..
वहीँ फिनिशिंग लाइन पे ऊँघ गए पसर
अब तो बस मजे ही मजे थे
कछुए के दिन गए थे
कछुए ने रास्ता पढ़ा था
Habit को जानता था
बात थी सीधे रास्ते की
Rabbit बायें घुमा था
एक फ़ोन पुराना था उसके पास
... चौकी पे घुमाया चिड़िया रानी को बताया
मुआमला है संगीन जब तक पहुंचे हमारी चाल
इस जंगल पार खोजबीन पक्की रक्खो मेरे यार
शाम ढले भोला G पहुंचे
दिन भर की थकान से
पसीने पसीने थे मेहरबान
पर मंजिल की ख़ुशी थी
चिड़िया रानी ने बताया
... Habit ने फिर दोहराया
दगा दिया दोस्त को
कुछ दूरी की Race को
...Finishing line पे Habit को हथकड़ी
मिली cheating की छड़ी
गिल्लू ने सुनी सारी बात
यारी दोस्ती में भी दगा
फिर तो मिलनी थी सजा
ये था जंगल का राज
Habit जब्त हुए तुम्हारे
... गाजर टमाटर के खेत सारे
गर समझो सच्ची दोस्ती
फिर आना हमारे गाँव
कछुए से कुछ तो समझो
दुर्भावना दुर्घटना से देर भली समझो
जल्दी की पडी सभी को
पर समय की चाल के पार
गर गए सरकार
फिर वापिस
मुंह की खानी होगी मेरे यार! |